सम्राट जहांगीर अपने इन्साफ के लिए बहुत मशहूर थे । एक बार उनका नौकर उनके निकट खड़ा होकर गिलास में शराब डाल रहा था कि पता नहीं कैसे एक बूंद जहांगीर पर गिर गई । जहांगीर को बहुत गुस्सा आया । उसी आवेश में उसने नौकर का सिर काटने का आदेश दे दिया ।
नौकर ने यह आदेश सुनकर पूरा गिलास जहांगीर पर उड़ेल दिया । अब तो वह और भी क्रोधित हो गया और बोला,'' तुमने इतनी हिम्मत कैसे की?'' नौकर ने शांत स्वर में कहा, जहांपनाहा, आप अपने इंसाफ के लिए बहुत मशहूर हैं । मैं नहीं चाहता कि लोग आरोप लगाएं कि एक बूंद शराब के लिए बादशाह ने सिर काटने का हुक्म दे दिया । मैं आपके इन्साफ पर दाग नहीं लगने देना चाहता । इसलिए मैंने यह गुस्ताखी की।'' जहांगीर नौकर की अक्लमंदी पर दंग रह गया । उसने उसे बहुत-सा इनाम दिया और अपने विश्वासपात्रों में शमिल कर लिया ।
नौकर ने यह आदेश सुनकर पूरा गिलास जहांगीर पर उड़ेल दिया । अब तो वह और भी क्रोधित हो गया और बोला,'' तुमने इतनी हिम्मत कैसे की?'' नौकर ने शांत स्वर में कहा, जहांपनाहा, आप अपने इंसाफ के लिए बहुत मशहूर हैं । मैं नहीं चाहता कि लोग आरोप लगाएं कि एक बूंद शराब के लिए बादशाह ने सिर काटने का हुक्म दे दिया । मैं आपके इन्साफ पर दाग नहीं लगने देना चाहता । इसलिए मैंने यह गुस्ताखी की।'' जहांगीर नौकर की अक्लमंदी पर दंग रह गया । उसने उसे बहुत-सा इनाम दिया और अपने विश्वासपात्रों में शमिल कर लिया ।