गहरी नींद में सोते हुए नेपोलियन को उस के सेनापति ने मध्य रात्रि में जगाया और दक्षिणी मोरचे पर शत्रु द्वारा अचानक हमला किए जाने की खबर दी, नेपोलियन आंखें मलते हुए उठा और दीवार पर टंगे 34 नंबर के नकशे को उतारते हुए बोला, इस में बताए हुए तरीके के अनुसार काम करो।
सेनतापति चकित रह गया कि जिस हमले का उसे अनुमान तक न था, उस हमले की संभावना को नेपोलियन ने समय से पूर्व ही कैसे सोच लिया और कैसे उस का प्रतिकाल खोल लिया, सेनापति को आश्चर्यचकित देख कर नेपोलियन ने कहा, ''विचारशील लोग अच्छी से अच्छी आशा करते हैं, किन्तु बुरी से बुरी परिस्थिति के लिए भी तैयार रहते हैं, मेरी मनः स्थिति सदा ऐसी ही रही है, इसलिए मुझे विपति आने से पहले ही उस का अनुमान लगाने और उपाय सोचने में संकोच नहीं होता ।
6 टिप्पणियां:
Dhanyawad is prerak prasang ke liye...
इस बात से सीख लेने की जरूरत है।
सीखने योग्य!!
prernaa-daayi lekh ke liye dhanyawaad.
aaj ki yuvaa pidi ke liye vishesh roop se ye lekh seekh de saktaa hain, jo ghode bechkar sote hain.
thanks.
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Achchha prerak prasang----.
Ise se achhi seekh milti hai.
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