एक दिन पुस्तकों की एक दुकान पर एक ग्राहक आया । कुछ देर तक पुस्तकों को देखने के बाद उसने दुकान के एक कर्मचारी से पूछा, ''इस पुस्तक की क्या कीमत है ?'' उत्तर मिला,''एक डालर''। ''कुछ कम नहीं हो सकता ?''''नहीं,'' दुकान के कर्मचारी ने स्पष्ट कह दिया । ग्राहक थोड़ी देर तक अन्य पुस्तकों को देखता रहा, फिर उस कर्मचारी से पूछा, ''क्या आप दुकान के मालिक को बुला सकते हैं ? मैं उन से मिलना चाहता हूं ।''
दुकान के मालिक के आने पर ग्राहक ने उससे पूछा, ''इस पुस्तक को आप कम से कम किस कीमत पर दे सकते हैं ?'' उत्तर मिला, ''सवा डालर ।'' ग्राहक आश्चर्य चकित रह गया । उसने कहा, ''पर अभी तो आप का कर्मचारी इस की कीमत एक डालर बता रहा था ।''''जी हां, जरूर बता रहा होगा । बाकी मेरे समय की कीमत है ।''अच्छा, जो भी कीमत आप ने लेनी हो, वह अंतिम बार बता दीजिए,'' ग्राहक बोला । ''अब डेढ़ डालर । आप जितनी देर करते जाएंगे, उतनी ही कीमत बढ़ती जाएगी, क्योंकि समय का मूल्य भी इस के साथ जुड़ जाएगा ।'' ग्राहक के पास अब कोई चारा न था । वह एक के बदले डेढ़ डालर दे कर पुस्तक खरीद कर ले गया । साथ ही उसे समय का मूल्य भी ज्ञात हो गया । समय का मूल्य बताने वाले दुकान के यह मालिक थे । बेंजामिन फ्रेंकलिन, जो बाद में अमरीका के प्रख्यात आविष्कारक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक बने ।
3 टिप्पणियां:
बेहद शानदार उदाहरण, समय का मूल्य समझने समझाने के लिये।
आभार दिनेश जी।
बेहद शानदार उदाहरण| धन्यवाद|
thanks
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