नेपोलियन अपनी सेना आल्प्स पर्वत से होकर ले जाना चाहता था और रास्ता खोजने स्वयं पहाड़ की तलहटी में आया था । वहां एक बुढ़िया रहती थी। नेपोलियन उससे रास्ते की जानकारी लेने के बात करने लगा तो वह बोली, '' मूर्ख तेरे जैसे कितने ही इस दुर्गम पहाड़ पर चढ़ने के प्रयास में जान गंवा बैठे हैं । बेमौत मरने से कोई लाभ नहीं । वापस लौट जा |''
नेपोलियन ने मुस्कराते हुए कहा, ''माताजी , अच्छा हुआ, आप ने मुझे कठिनाईयों से आगाह कर दिया । इससे मेरा हौसला बढ़ा है और अधिक समझदारी से काम लेने की सीख मिली है । आप की कृपा से मैं यह पहाड़ एक दिन अवश्य पार करके रहूंगा |'' यह सुनकर बुढ़िया दंग रह गई । खतरों को इस तरह चुनौती देने वाला कोई साधारण व्यक्ति नहीं हो सकता । उसने आशीर्वाद दिया और कहा, ''साहसी व्यक्ति के लिए संसार में कोई काम असंभव नहीं होता |''
नेपोलियन आल्पस पर्वत पार करने में सफल हो गया । पर वह बुढ़िया ने इस संवाद को समय-समय पर याद करता रहा-''साहसी व्यक्ति के लिए संसार में कोई काम असंभव नहीं होता |''
नेपोलियन ने मुस्कराते हुए कहा, ''माताजी , अच्छा हुआ, आप ने मुझे कठिनाईयों से आगाह कर दिया । इससे मेरा हौसला बढ़ा है और अधिक समझदारी से काम लेने की सीख मिली है । आप की कृपा से मैं यह पहाड़ एक दिन अवश्य पार करके रहूंगा |'' यह सुनकर बुढ़िया दंग रह गई । खतरों को इस तरह चुनौती देने वाला कोई साधारण व्यक्ति नहीं हो सकता । उसने आशीर्वाद दिया और कहा, ''साहसी व्यक्ति के लिए संसार में कोई काम असंभव नहीं होता |''
नेपोलियन आल्पस पर्वत पार करने में सफल हो गया । पर वह बुढ़िया ने इस संवाद को समय-समय पर याद करता रहा-''साहसी व्यक्ति के लिए संसार में कोई काम असंभव नहीं होता |''