गुरुवार, 25 नवंबर 2010

हैरान

चर्चिल को  एक बार किसी  सभा में  व्याख्यान देना था । जमा भीड़ की ओर इशारा  करते हुए एक  प्रशंसक ने कहा,'' आप इतने लोकप्रिय  हैं, मिस्टर चर्चिल कि आप को सुनने के लिए 5 हजार लोग आए हैं ।'' इस पर चर्चिल ने तटस्थ भाव से कहा, ''मेरे ये मित्र भाषण सुनने नहीं, अपितु तमाशा देखने आए हैं । यदि कल मुझे इसी स्थान पर फांसी देने की घोषणा कर दी जाए तो आप को यहां 50 हजार की भीड़ को देख कर भी हैरान नहीं होना चाहिए।'' 

2 टिप्‍पणियां:

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

सही कहा था चर्चिल ने। भीड़ किसी की लोकप्रियता का पैमाना तो हो सकती है, लेकिन उत्कृष्टता का पैमाना नहीं है। तमाशबीन भीड़ बेहतर तमाशे का मौका पाते ही उधर का रुख कर लेती है।
आभार।

ZEAL ने कहा…

प्रेरक प्रसंग !