गुरुवार, 18 जून 2009

उपयोग

जब मौलाना अबुल कलाम आजाद की पत्नी बेगम आजाद का कलकत्ते में देहांत हुआ उस समय मौलाना आजाद अहमदाबाद की जेल में कैद थे । उनके कृतज्ञ देशवासी बेगम आजाद की स्मृति में स्मारक बनाना चाहते थे । इस के लिए उन्होंने आजाद स्मृति कोष बनाया और धन इकट्ठा करने लगे ।
जब मौलाना आजाद जेल से छूट कर आए तो उन्हें इस बात का पता चला । उन्होंने तत्काल कहा, ''बेगम आजाद स्मृति कोष बंद किया जाए और इस कोष में इकट्ठे धन को इलाहाबाद के कमला नेहरू अस्पताल को दे दिया जाए ।'' इस तरह उस धन से कमला नेहरु अस्पताल में बेगम आजाद कक्ष बनवाया गया ।

1 टिप्पणी:

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

शानदार प्रेरणापद उदाहरण.

उस समय के नेता ऐसे थे और आज के नेता.................

चन्द्र मोहन गुप्त