डाक्टर जाकिर हुसैन उस समय राष्ट्रपति नहीं थे । उनके घर पर एक नौकर था । नौकर कार्य करने में तो कुशल था, पर बहुत आलसी था । वह समय पर नहीं उठता था । घर के सभी सदस्यों ने जाकिर हुसैन से इस बारे में उसकी शिकायत की। जाकिर हुसैन एक दिन सुबह उठे और सोते हुए नौकर के पास जा कर मधुर स्वर में बोले, ''मालिक, उठिए, मैं आप के लिए मुंह सापफ करने को पानी लाया हूँ।'' यह सुन कर नौकर लगा कि वह सपना देख रहा है, अतः वह नहीं उठा । कुछ समय के बाद जाकिर हुसैन चाय ला कर बोले, ''मालिक, अब तो उठिए, मैं आपके लिए चाय लाया हूँ ।'' नौकर ने आंख खोल कर देखा कि मालिक सचमुच चाय का कप लिए खड़े हैं । वह शर्म से जमीन में गड़ गया । उसी समय उसने प्रतिज्ञा की कि वह जल्दी उठकर समय पर सारे काम किया करेगा ।
1 टिप्पणी:
बडे लोगों की छोटी छोटी बातें (बडप्पन लिये) ।
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