मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

भेंट

नेताजी सुभाषचंद्र बोस किसी गोष्ठी में व्याख्यान दे रहे थे, तभी बेशुमार भीड़ में से विरोधी पार्टी के किसी आदमी ने उन पर एक जूता फेंक दिया| नेताजी ने जूते की तरफ संकेत करते हुए कहा, ''जिस सज्जन ने इसे फेंका है, वह कृपया इसके साथ का जूता भी फेंक दें| वरना यह बेकार हो जाएगा ।'' फिर जूते को संभालते हुए उन्होंने आगे कहा,''अपने देश के लिए तुम्हारी यह भेंट मैं सदा याद रखूंगा ।

1 टिप्पणी:

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

bahut badhiyaa ji bahut badhiyaa.
excellent......kitnaa badhiyaa likhte hain aap??, kahaan se laate hain itne achchhe or behatareen prerna sandesh???
CHANDER KUMAR SONI,
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RAJASTHAN, INDIA.
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