शनिवार, 9 जनवरी 2010

मातृभूमि के प्रति श्रद्धा

रास बिहारी बोस का नाम कौन नहीं जानता । भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से अनन्य रूप से जुड़े रासबिहारी बोस उन दिनों जापान में निर्वासित जीवन बिता रहे थे । जापान में दक्षिण पश्चिम की ओर मुंह करके सोना अच्छा नहीं माना जाता है । किन्तु रासबिहारी बोस जितने दिन भी जापान में रहे, सदा दक्षिण पश्चिम दिशा में मुंह करके सोते रहे । जब उनके जापानी मित्रों ने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया, ''भाई, तुम्हारे देश के दक्षिण पश्चिम की दिशा में ही तो मेरी मातृभूमि भारतवर्ष है । इस दिशा में मुंह करके सोने में मुझे यों लगता है, जैसे मैं रात भर अपनी मां की गोद में सोया हूं । जागते में तो अपनी प्यारी मातृभूमि को पा नहीं सकता, किन्तु यों सोते में तो पा लेता हूं ।'' उनकी बात सुनकर सभी मित्र मातृभूमि के प्रति उनकी श्रद्धा की भूरि-भूरि प्रशंसा किए बिना न रहे सके ।

1 टिप्पणी:

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

maatrabhumi is sachche sapoot ko meraa koti-koti naman.
bahut badhiyaa likhte hain aap.
mujhe aapkaa blog pasand hain.
kripyaa kam se kam hafte main ek baar to jaroor hi likhe.
thanks.
www.chanderksoni.blogspot.com