इंग्लैण्ड की महारानी विक्टोरिया ने एक बार विएना के प्रसिद्ध पियानोवादक को अपने महल में बुलाया । उसका मधुर संगीत सुनकर महारानी खुश हो गई । आखिर में उन्होंने आस्ट्रिया का राष्ट्रगीत सुनने की इच्छा जाहिर की । राष्ट्रगीत पूरा होने तक महारानी खड़ी रही । पियानोवादक की खुशी की सीमा न रही । उसने अपने मित्रों से कहा, ''महारानी ने पुरस्कार के तौर पर मुझे हीरे का जड़ाउं हार दिया । लेकिन मेरे राष्ट्रगीत के सम्मान में उनका खड़ा होना मेरे हार से मूल्यवान था।''
5 टिप्पणियां:
...बहुत सुन्दर,प्रसंशनीय!!!
बेहतरीन प्रसंग दिया!!
खुद इज्ज़त पानी हैं तो दूसरो की इज्ज़त करनी ही होगी.
बहुत बढ़िया सीख दी हैं आपने.
हार्दिक आभार.
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Prerak prasang...sadhuwad.
All can be
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