रूस के एक वायुयान इंजीनियर की पहले महायुद्ध में एक टांग कट गई थी। दूसरे महायुद्ध के दौरान वह अस्पतालों में घायलों को देखने पहुंचे । उन्होंने मरीजों को हौंसले बनाए रखने के लिए कहा, ''नकली टांग का फायदा यह है कि चोट लगने पर महसूस नहीं होती ।''
यह सुनकर उन्होंने अपना बेंत एक आदमी को दे कर कहा कि इसे जोर से मेरी टांग पर मारो । उसने बहुत जोर से बेंत मारी, इंजीनियर ने हंसते हुए कहा,'' देखो, मुझे कोई असर नहीं हुआ।'' इस पर सब हंस पड़े । कमरे से बाहर निकलते ही उनके मुख पर पीड़ा के चिन्ह उभर आए । उनके साथी अफसर ने कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ''उसने गलत टांग पर बेंत मार दिया था।''
यह सुनकर उन्होंने अपना बेंत एक आदमी को दे कर कहा कि इसे जोर से मेरी टांग पर मारो । उसने बहुत जोर से बेंत मारी, इंजीनियर ने हंसते हुए कहा,'' देखो, मुझे कोई असर नहीं हुआ।'' इस पर सब हंस पड़े । कमरे से बाहर निकलते ही उनके मुख पर पीड़ा के चिन्ह उभर आए । उनके साथी अफसर ने कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ''उसने गलत टांग पर बेंत मार दिया था।''