यहूदी धर्म गुरु वूल्पफ बहुत ही शांतिप्रिय एवं न्यायी थे । एक बार उनके घर से एक चांदी का बरतन चोरी हो गया । वूल्पफ ' को नौकरानी पर संदेह था। पर नौकरानी अपने को निर्दोष बता रही थी । अतः वूल्पफ की पत्नी धर्म न्यायालय से न्याय पाने के लिए घर से निकल पड़ी । धर्म गुरु भी अपना धर्माचार्य का चोगा पहने चलने को तैयार होने लगे, तो उनकी पत्नी बोली, ''आप को मेरे साथ चलने की जरूरत नहीं है । न्यायालय में क्या और कैसे बोला जाता है, यह मैं खूब जानती हूं।'' ''तुम तो सब कुछ जानती हो, लेकिन यह अनपढ़ भोली भाली नौकरानी कुछ नहीं जानती, मैं उसके पक्ष में न्यायालय जा रहा हूं, ताकि उसे न्याय मिल सके ।''
5 टिप्पणियां:
fantastic
Aankhon me jaise anjan pad gaya!
आभार.
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प्रशंसनीय ।
wahwa...Behtar Prastuti....
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