शुक्रवार, 4 जून 2010

न्याय

यहूदी धर्म गुरु वूल्पफ बहुत ही शांतिप्रिय एवं न्यायी थे । एक बार उनके घर से एक चांदी का बरतन चोरी हो गया । वूल्पफ ' को नौकरानी पर संदेह था। पर नौकरानी अपने को निर्दोष बता रही थी । अतः वूल्पफ की पत्नी धर्म न्यायालय से न्याय पाने के लिए घर से निकल पड़ी । धर्म गुरु भी अपना धर्माचार्य का चोगा पहने चलने को तैयार होने लगे, तो उनकी पत्नी बोली, ''आप को मेरे साथ चलने की जरूरत नहीं है । न्यायालय में क्या और कैसे बोला जाता है, यह मैं खूब जानती हूं।'' ''तुम तो सब कुछ जानती हो, लेकिन यह अनपढ़ भोली भाली नौकरानी कुछ नहीं जानती, मैं उसके पक्ष में न्यायालय जा रहा हूं, ताकि उसे न्याय मिल सके ।''