बुधवार, 17 जून 2009

सच्चा उपदेश

एक बार रात के समय महात्मा बुद्ध प्रवचन कर रहे थे प्रवचन सुनने के लिए बैठा एक व्यक्ति बार-बार नींद के झोंके ले रहा था थोड़ी देर बाद महात्मा बुद्ध ने उसे पुकार कर पूछा-वत्स, सो रहे हो ? नहीं, महात्मन् , हड़बड़ा कर उस ने कहा महात्मा बुद्ध का प्रवचन चलता रहा वह व्यक्ति पहले की तरह उंघता रहा। महात्मा बुद्ध बीच-बीच में वही प्रश्न पूछ-कर उसे जगा दिया करते थे, लेकिन नहीं महात्मन् कह कर वह फिर से सो जाता था।
काफी समय के बाद बुद्ध ने पूछा- वत्स, जीवित हो? नहीं महात्मन् , हर बार की तरह इस बा भी उस ने कहा श्रोताओं में हंसी की लहर दौड़ गई महात्मा बुद्ध भी मुस्कराए फिर गंभीर हो कर बोले- वत्स, निन्द्रा में तुम से सही उत्तर निकल गया, जो निद्रा में है, वह मृतक समान ही है

5 टिप्‍पणियां:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

narayan narayan

राजेंद्र माहेश्वरी ने कहा…

हम उपदेश देते हैं टन भर, सुनते हैं मन भर और ग्रहण करते हैं कण भर।

इस्लामिक वेबदुनिया ने कहा…

आपका ब्लॉग अच्छा लगा

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

उम्मीद ने कहा…

आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
लिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी