गुरुवार, 25 जून 2009

विचारशील

गहरी नींद में सोते हुए नेपोलियन को उसके सेनापति ने मध्य रात्रि में जगाया और दक्षिणी मोर्चे पर शत्रुओं द्वारा अचानक हमला किए जाने की खबर दी। नेपोलियन आंखें मलते हुए उठा और दीवार पर टंगे 34 नंबर के नक्शे को उतारते हुए बोला, ''इसमें बताए हुए तरीके के अनुसार काम करो '' सेनापति चकित रह गया कि जिस हमले का उसे अनुमान तक था, उस हमले की संभावना को नेपोलियन ने समय से पूर्व ही कैसे सोच लिया और कैसे उस का प्रतिकार खोल लिया
सेनापति को आश्चर्यचकित देख कर नेपालियन ने कहा, '' विचारशील लोग अच्छी से अच्छी आशा करते हैं, किंतु बुरी से बुरी परिस्थिति के लिए भी तैयार रहते हैं मेरी मनः स्थिति सदा ऐसी ही रही है इसलिए मुझे विपत्ति आने से पहले ही उसका अनुमान लगाने और उपाय सोचने में संकोच नहीं होता ''

5 टिप्‍पणियां:

विवेक रस्तोगी ने कहा…

काश हममें भी नैपोलियन जैसी बुद्धि होती..!

Udan Tashtari ने कहा…

सच, काश!!

अर्कजेश ने कहा…

बिल्कुल सही है, बुद्धिमान दूरदर्शी भी होते हैं ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

सचमुच बुद्धिमता ही दूरदर्शिता की जननी कही गयी है.......

अनिल कान्त ने कहा…

एक बहुत अच्छी पोस्ट पढने को मिली

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति