वेब मिलर एक अमरीकी पत्रकार थे । सन् 1931 में गाँधी जी गोलमेज परिषद् में भाग लेने के लिए विलायत गए थे । एक दिन वेब मिलर गाँधी जी से मिलने आए । काफी देर बात-चीत होने के बाद उन्होंने सिगरेट रखने का अपना डिब्बा आगे बढ़ा कर गाँधी जी से कहा, ''इस डब्बे पर आप भी अपना हस्ताक्षर कर दीजिए ।'' उस डिब्बे पर अनेक प्रख्यात व्यक्तियों के हस्ताक्षर थे । गाँधी जी ने डिब्बा हाथ में लिया, खोल कर देखा और हंसते हुए बोले, ''यह सिगरेट की डिबिया है । धूम्रपान के संबंध में मेरे विचार आप जानते ही हैं, अगर आप वचन दें कि इस डिब्बे में कभी भी सिगरेट नहीं रखेंगे तो मैं हस्ताक्षर कर दूंगा ।'' वेब मिलर ने वचन दिया और गाँधी जी ने हस्ताक्षर कर दिए । तब से वेब मिलर उस डिब्बे में विजटिंग कार्ड रखने लगे ।
4 टिप्पणियां:
रोचक और दिलचस्प प्रसंग..आभार.
गांधीजी से जुड़े इस वाकये को प्रस्तुत करने का आभार ..!!
prerak prasang,vachan bhi nibha diya.
रोचक प्रसंग...
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