रविवार, 20 सितंबर 2009

गुलामी की जंजीरें

स्वतंत्रता से पूर्व की बात है, मौलाना अबुल कलाम आजाद ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ''भाईयों, गांधी जी का कहना है कि अंग्रेजी स्कूलों और अंग्रेजों द्वारा दी जाने वाली शिक्षा छोड़ दो, क्योंकि इससे हमारी गुलामी की जंजीरें मजबूत होती है ।''
यह सुन कर एक आदमी ने खड़े होकर कहा, ''अरे, गांधी से कहो कि पहले देशी स्कूल तो खुलवाएं । तब अंग्रेजी पढ़ाई बंद कराएं ।'' मौलाना आजाद ने उत्तर दिया, ''अगर अमृत नहीं मिलेगा तो क्या जहर पी लोगे?'' यह सुनकर उस आदमी का चेहरा शर्म से झुक गया और वह चुपचाप बैठ गया ।

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