रविवार, 13 सितंबर 2009

राष्ट्रभाषा का सम्मान

कल १४ सितम्बर यानि हिन्दी दिवस है| इस अवसर पर श्वर से प्रार्थना कि आपका हिन्दी प्रेम यूं ही फलता-फूलता रहे तथा एक दिन वट वृक्ष बन दुनिया के जंगल में दू.........र से नजर आए | आपको हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं| हिन्दी दिवस पर कल नहीं, आज ही ये विशेष प्रस्तुति :-
प्रसिद्ध गांधीवादी नेता और कांग्रेस के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉक्टर पट्टाभिसीतारमैया अपने सभी पत्रों पर हिन्दी में ही पता लिखते थे । इस कारण दक्षिण के डाकखाने वालों को बड़ी असुविधा होती थी । एक बार उन सब ने उन्हें कहला भेजा कि आप अंग्रेजी में पते लिखा करें, ताकि बांटने में आसानी हो। पट्टाभिसीतारमैया ने जवाब दिया, भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी है । अतः मैं अपने पत्र व्यवहार में उसी का प्रयोग करूंगा । डाकघर वालों ने कहा, देखिए, अगर आप ने अंग्रेजी में पते लिखने शुरू न किए तो हम आप के ऐसे सारे पत्र डेड लेटर आफिस में भिजवा देंगे ।
पट्टाभिसीतारमैया पर इस धमकी का कोई असर नहीं हुआ । दोनों पक्षों के बीच एक अरसे तक शीतयुद्घ-सा जारी रहा । आखिर, डाकखाने वालों को ही झुकना पड़ा, मजबूरन उन्हें मछलीपट्टनम के डाकघर में एक हिन्दी जानने वाले आदमी को रखना ही पड़ा ।

4 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत् प्रेरणाप्रद प्रसंग है हिन्दी दिवस पर शुभकामनायें जै हिन्दी जै भारत्

Mithilesh dubey ने कहा…

बिल्कुल हम हिन्दी विकास के लिए प्रयास रत है।

http://hindisahityamanch.blgspot.com

Vinay ने कहा…

जय हिन्दी
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समयचक्र ने कहा…

प्रेरणाप्रद प्रसंग....जय हिन्दी...