बुधवार, 23 जून 2010

हौंसला

रूस के एक वायुयान इंजीनियर की पहले महायुद्ध में एक टांग कट गई थी। दूसरे महायुद्ध के दौरान वह अस्पतालों में घायलों को देखने पहुंचे । उन्होंने मरीजों को हौंसले बनाए रखने के लिए कहा, ''नकली टांग का फायदा यह है कि चोट लगने पर महसूस नहीं होती ।''
यह सुनकर उन्होंने अपना बेंत एक आदमी को दे कर कहा कि इसे जोर से मेरी टांग पर मारो । उसने बहुत जोर से बेंत मारी, इंजीनियर ने हंसते हुए कहा,'' देखो, मुझे कोई असर नहीं हुआ।'' इस पर सब हंस पड़े । कमरे से बाहर निकलते ही उनके मुख पर पीड़ा के चिन्ह उभर आए । उनके साथी अफसर ने कारण पूछा तो उन्होंने कहा, ''उसने गलत टांग पर बेंत मार दिया था।''

5 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

ये होता है मनोबल बढ़ाना!! बहुत प्रेरक कथा!

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

AABHAAR.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

गुलशन मदान ने कहा…

bahut achche..... wah bhai wah...

dil wo koi dil nahin hai
gham jise haasil nahin hai

thaan le jo apne dil mein
kaam kuchch mushkil nahin hai

gulshan madaan

Asha Joglekar ने कहा…

क्या बात है, सचमुच प्रेरक ।

awadhesh.misra ने कहा…

bahut sundar aur prernadayee hai aapkee ye prastutiyan