शुक्रवार, 3 सितंबर 2010

निर्देश

अमरीका के प्रसिद्ध लेखक मार्क ट्वेन के घर में एक बार चोरी हो गई । उसके बाद उन्होंने अपने घर के बाहर एक बोर्ड लगा दिया जिस पर लिखा - ''इस घर में अब एक ही वस्तु चुराने लायक रही है, वह है चांदी की तश्तरी जो रसोईघर में रखी अलमारी के सब से उपरी खाने में रखी है । पास ही में एक डलिया में बिल्ली के बच्चे हैं । यदि कोई सज्जन डलिया भी ले जाना चाहे तो बिल्ली के बच्चों को किसी कपड़े से ढक जाए । लेकिन किसी प्रकार का शोर न मचाए, अन्यथा घर के लोगों को असुविधा होगी । बाद में उसे भी हो सकती है ।'' यह बोर्ड टंगने के बाद पिफर कभी उनके यहां चोरी नहीं हुई ।

4 टिप्‍पणियां:

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

happy janmashtmi.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

राजभाषा हिंदी ने कहा…

यह प्रस्तुत करने का अलग और नया अंदाज है।


हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।

स्‍वच्‍छंदतावाद और काव्‍य प्रयोजन , राजभाषा हिन्दी पर, पधारें

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

अच्छी लगी....
आशीष
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बैचलर पोहा!!!